- यह था मेरी माँ की दुआओं का असर
बद्दुआ भी पहुँची मुझ तक दुआ बनकर
मंजरी - काँच का महज़ टुकड़ा समझ न फ़ेंक मुझको
तेरा साथ पाकर सतरंगी हो जाता हूँ मैं
मंजरी Manjari Shukla shared a link.
आप में से किसी को इस बात पर यकीं नहीं होगा की हमारी आँखें भी झूठ बोलती हैं और आँखों देखि बाते भी सदा सत्य नहीं होती I आज सुबह मेरे साथ एक ऐसी ही घटनी हुई जिसे में आप सबके साथ बांटना चाहूंगी क्योंकि यह सिर्फ यही नहीं बल्कि जिंदगी के हर शेत्र...See More- चाँद और सितारों के ख्वाब ना दिखा मुझको
दिए की लौ में तमाम उम्र गुज़री हैं मेरी ........
मंजरी
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