Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps June 28, 2015 तमाशबीन की सरहदों को देखा हैं किसने क़त्ल करके भी अनजान खड़े रहते है .... मंजरी Read more
Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps April 21, 2015 उस मुकाम पे आ गया हूँ मैं मोहब्बत में तेरी बद्दुआ भी अब दुआ सी लगती है मुझे ... मंजरी 21 april 2015 Read more
Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps April 20, 2015 किसी की निगाह में जब मोहब्बत देखता हूँ तेरी बेवफ़ाई जार- जार रुलाती है मुझे वो करते है बात महफ़िलों की रौनक की अब तो बस तन्हाई ही लुभाती है मुझे... मंजरी 20 april 2015.. Read more