Posts

Showing posts from 2010

तेरी आँखें

तेरी आँखों के समंदर में डूब जाऊंगा तू बुलाएगी तो भी न बाहर आऊंगा यह जन्नत सबसे महफूज लगती है हर दर्द मै अब यही छुपाऊंगा कही बंद न कर लेना तू पलकें अपनी वरना अपनी परेशानी कहाँ ले जाऊंगा जब भी दुनिया से भागता हूँ तो यही छिपता हूँ आकर पर डर है यार कि तू गर भगा देगा तो कहाँ जाऊँगा

खोती हंसी

"आज यह मंच पर्दों की तरह हिलना चाहिए चारो तरफ बस ठहाके ही मिलना चाहिए आज की भाग दौड़ भरी दुनिया मे हम लोगो के लिए हंसी के चंद पल दिवास्वप्न की भांति हो गए है .जब भी कोई बढिया कॉमेडी की मूवी लगती है तो लोग सिनेमाघरो मे टूट पड़ते है और हँसने के लिए उसे बार बार देखते है laufter क्लब्स की बदती लोकप्रियता का अंदाजा भी इसी बात से लगाया जा सकता है . टी. v. चेंनलो पर हास्य का पुट लिए हुए कार्यक्रमों की सफलता हमारी और आपकी की खोई हुई हंसी को ढूँढने का पुरजोर प्रमाण है. जो हँसते है वे सदेव स्वस्थ रहते है औए जो दूसरो को hasaante है वो दुनिया को स्वस्थ बनाते है। फर्नीचर सा सजा हू घर मे बस इक हंसी का तख्त नहीं घडी की तरह हू चलता रहता पर अपने लिए ही वक़्त नहीं With Best Wishes manjari