किसी की निगाह में जब मोहब्बत देखता हूँ
तेरी बेवफ़ाई जार- जार रुलाती है मुझे
वो करते है बात महफ़िलों की रौनक की
अब तो बस तन्हाई ही लुभाती है मुझे...

मंजरी
20 april 2015..

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