Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps April 21, 2015 उस मुकाम पे आ गया हूँ मैं मोहब्बत में तेरी बद्दुआ भी अब दुआ सी लगती है मुझे ... मंजरी 21 april 2015 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments कविता रावत 13 July 2015 at 00:38बहुत सुन्दर ..ReplyDeleteRepliesReplyAdd commentLoad more... Post a Comment
March 11, 2019 इतना भुलाया है तुझे कि थक गया हूँ मैं अब तेरे सिवा कुछ भी याद नहीं है... मंजरी Read more
May 06, 2018 मेरे दरवाज़े पर उम्र भर से खड़ी है तन्हाई और भीतर उसकी यादों से महकता आँगन है ... मंजरी Read more
March 11, 2018 तेरी यादों से अब डरने लगे है दिए ज़ख्म तेरे अब भरने लगे है मोहब्बत की क़द्र अब की तूने जब गैर हम पर मरने लगे है ...... मंजरी Read more
बहुत सुन्दर ..
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